विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सिर्फ एक सेटेलाईट इमेज जो कि ५ सितम्बर २०१५ जब मानसून का मौसम रहता है, के आधार पर यह दिखाता है कि कार्यक्रम की जगह पानी के लिए थी। यह वास्तव में वास्तविक तथ्यों के साथ छेडछाड है।
आज, आर्ट ऑफ लिविंग अथवा गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी को कोई भी अवमानना नोटिस NGT द्वारा नहीं जारी किया गया| इसके विपरीत मीडिया रिपोर्टें पूर्णतः गलत, आधारहीन और तथ्यात्मक रूप से दोषपूर्ण हैं। मामला 9 मई 2017 तक स्थगित कर दिया गया है।
सभी ईमानदार पर्यावरणविदों को मामले का अध्ययन करने और सच्चाई का खुलासा करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
मैं तमिलनाडु के लोगों को शांत रहने और जल्लीकट्टू आंदोलन की शांतिपूर्ण प्रकृति को सामाज-विरोधी तत्वों द्वारा न हथियाने देने की अपील करता हूँ।
जल्लिकट्टू उत्सव के लिए दोनों बैल और लोगों को अच्छी तरह से तैयार किया जाता है। जो लोग इन बैलों को पालते हैं उनके लिए वह पशु पवित्र है। बैल को परिवार का एक हिस्सा माना जाता है और पूजा की जाती है। इस उत्सव में न तो पशुओं के साथ कोई क्रूरता होती है और न ही लोगों को चोट पहुंचाना उसका ध्येय है।