गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने यूरोपीय संसद में योग के रहस्य को उजागर किया और बताया - समय की आवश्यकता है योग | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar Demystifies Yoga For The European Parliament, Calls It The Need Of The Hour
संस्कृति और समारोह | Published: | 3 min read
गुरुदेव ने एम्स्टरडम में आयोजित एक सभा में कहा "यह सच है कि योग भारत की देन है ,परन्तु यह पूरे विश्व के लिए है। आज यूरोप में डिप्रेशन एक चिंताजनक समस्या है और योग इस स्तिथि से उभरने में अत्यंत सहायक है। चलिए - आने वाली पीडियों के खुशाल भविष्य एवं संसार को बेहतर बनाने की कामना करते है। "
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२१ जून २०१८
ब्रुसेल्स बेल्जियम
अंतराष्ट्रीय योग उत्सव मनाने के लिए १५० देशों से लाखों की संख्या में उत्साहपूर्ण योगी विभिन्न क्षेत्रों ,जैसे विद्यालयों, जेलों, नौसेना बेस, पुलिस अकादमी, मॉल इत्यादि से आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था से जुड़े।
आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर जी ने यूरोपियन संसद में योग पर अपने अनोखे, सरल परन्तु प्रभावशाली, अंतर्दृष्टिपूर्ण शब्दों से सबमें एक ख़ुशी की लहर जगा दी। उसी समय कई देशों से लाखों लोगों ने स्कूलों से लेकर पर्यटन स्थलों पर नौसेना बेस से पुलिस अकादिमियों तक ,शॉपिंग मॉल से जेलों तक, अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर आर्ट ऑफ़ लिविंग के #प्रॉमिसटूयोग #promisetoyoga अभियान से जुड़े।
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर यूरोपियन संसद , भारतीय दूतावास (बेल्जियम) एवं आर्ट ऑफ़ लिविंग ने मिलकर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी को संसद के येहुदी मेनुहिन स्पेस में स्थित एक विशेष योग बैठक का नेतृत्व करने के आमंत्रित किया। भारतीय विदेश मंत्री, श्रीमती सुषमा स्वराज ,यूरोपीय सांसद ,यूरोपीय विदेश सेवा से एवं यूरोपीय आयोग के अधिकारियों सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्ति भी वहां आमंत्रित थे। इस बैठक में हर एक ने योगासनों, श्वास प्रक्रिया, ध्यान के द्वारा आंतरिक शान्ति एवं अन्य योगिक तकनीकों का आनंद लिया।
संसद और दूतावास के २५० अधिकारीयों को संबोधित करते हुए गुरुदेव ने समाज में डिप्रेशन और आक्रामकता को कम करने के लिए योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा “हमारे समाज को आक्रमकता और डिप्रेशन जैसे रोगों ने जकड लिया है और इनसे निपटने के लिए योग से बेहतर हल नहीं है। ”
गुरुदेव ने एम्स्टरडम में आयोजित एक सभा में कहा “यह सच है कि योग भारत की देन है ,परन्तु यह पूरे विश्व के लिए है। आज यूरोप में डिप्रेशन एक चिंताजनक समस्या है और योग इस स्तिथि से उभरने में अत्यंत सहायक है। चलिए – आने वाली पीडियों के खुशाल भविष्य एवं संसार को बेहतर बनाने की कामना करते है। “
१८ जून को फ़िनलैंड के हेलसिंकी में स्तिथ हाउस ऑफ़ नोबिलिटी में गुरुदेव ने योग दिवस समारोह का शुभारम्भ किया। इस एक हफ्ते के समारोह के अंतर्गत गुरुदेव २३ जून को योग और ध्यान सभा का नेतृत्व करेंगें।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस की चौथी वर्षगाँठ पर आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने योग की विशेषता को प्रोत्साहन देते हुए विश्व भर में कई कार्यक्रम आयोजित किये। आर्ट ऑफ लिविंग अंतराष्ट्रीय केंद्र में इस समारोह में , माननीय केंद्रीय मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा एवं श्री पी सी मोहन, सांसद कर्नाटक, मुख्य अतिथि थे।
देश विदेश में आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय योग दिवस में हज़ारों पुलिस जवानों ,कैदियों,नौसेना एवं सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें से आर्ट ऑफ़ लिविंग शिक्षिका सरिता बाजपाई द्वारा रायपुर, छत्तीसगढ़ में भारतीय वायु सेना के स्पेशल टास्क फाॅर्स के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जो नक्सल विरोधी अभियानों के लिए वहां नियुक्त किये गए थे।
उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद ज़िले में २००० से अधिक पुलिस अधिकारीयों ने पुलिस अकादमी में योग समारोह में भाग लिया। दक्षिणी भारत के बंगलुरु शहर में लगभग ३५०० सैनिक जवानों और अधिकारीयों ने इस योग दिवस में हिस्सा लिया। वही केरल में आई एन एस गरुड़ (INS Garud) ने भी अंतराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया।
सिर्फ सुरक्षा बलों ने ही नहीं बल्कि कैदियों ने भी योग दिवस में उल्लेखनीय हिस्सा लिया। इस योग दिवस के अंतर्गत झारखण्ड की २३ जेलों से न केवल सुरक्षा बल ने परन्तु कैदियों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। देश की कई जेलों में योग और ध्यान शिविर आयोजित किये गए जिनमे १००० कैदियों से अधिक ने आर्ट ऑफ लिविंग के प्रिजन स्मार्ट कार्यक्रम में भाग लिया।
भारत में आर्ट ऑफ़ लिविंग ने खेल कूद सामान बनाने के लिए महशूर फ्रेंच कंपनी ‘देकाथलॉन ‘के सहयोग से दिल्ली में श्री श्री योग के कार्यक्रम भी आयोजित किये।
विश्व स्तर पर अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर मिडिल ईस्ट, यूरोप, अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका से एक बड़ी संख्या में भागीदारी देखि गई। १७ जून, एम्स्टरडम में सबसे अधिक संख्या में लगभग ३००० लोगों ने गुरुदेव के साथ इस योग समारोह में भाग लिया।
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