सम्मलेन के पूरे दिन के विचार विमर्श गुवाहाटी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुए, जो कि आर्ट ऑफ़ लिविंग के प्रतिनिधियों एवं अन्य सम्मलेन सहभागियों, जैसे कि संयोजक मंडल, एवं पूर्वोत्तर राज्य के भाषायी, आदिवासी एवं विद्रोही समूहों के बीच था। सभी ने क्षेत्र के स्थानीय एवं संजातीय समूहों को साथ लाने के लिए, तथा पूर्वोत्तर में शांति, समृद्धि एवं ख़ुशी लाने के लक्ष्य के लिए संकल्प लिया।
फार्क (FARC) पूर्व गुरिल्ला नेता और एक पूर्व कमांडर, जो अब राजनीतिक नेता हैं, ने घोषित किया कि “श्री श्री से मुलाकात और आर्ट ऑफ़ लिविंग वास्तव में एक चमत्कार है। हम श्रीश्री से अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन करने के अपने वचन को निभा कर दिखाएंगे। हम शांति और सुलह के लिए श्री श्री रवि शंकर और आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा दिए गए सहयोग हेतु बहुत आभारी हैं।”
७१ वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इम्फाल में मणिपुर के बहिष्कृत उग्रवादी समूहों के ६८ सदस्यों का घरवापसी समारोह, अशांत क्षेत्रों में शांति लाने के आर्ट ऑफ लिविंग के प्रयासों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने गुजरात के बानसकांठा में थरा और धानेरा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ितों से मुलाकात की।
जापान की संसद से संकटग्रस्त मध्य पूर्व, इराक, जॉर्डन और पेरु के माचु पिचु तक, सीमा के पार लाखों लोगों ने, १५० देशों से विभिन्न संस्कृति और धर्म के लोगों ने आर्ट ऑफ लिविंग के साथ ३ रा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। आर्ट ऑफ लिविंग के २५००० योग प्रशिक्षकों ने मार्गदर्शन में, पूरे विश्व के योग प्रेमियों ने भारत सरकार के कॉमन प्रोटोकॉल के साथ आसन, प्राणायाम और ध्यान करके इस अवसर को स्मरणीय बना दिया।